Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -23-May-2022 दावत

दावत की हो रही तैयारी,
महक आ रही प्यारी प्यारी।
पूरी और पकवान बन रहे हैं,
दादी और मम्मी तल रहे हैं।
बुआ कर रही तैयार हमे,
पापा हमें समझा रहे हैं।
सोंधी सोंधी सी खुशबू भारी,
भूख लगी कब आएगी बारी। 
माँ के पीछे छुप गई लाली
मन कर रहा घोड़े की सवारी।
दरवाजे पर कर रहे इंतजार,
आंखें हो रही चौड़ी बार बार।
कब होगी दावत बताओ तो,
खाने मिलेंगे पकवान अब तो।
दादी मुस्कुरा रही हैं मंद मंद,
दावत में भर रही वो रंग रंग।
नेह के धागों का ये बंधन ऐसा,
दावत के लिए नहीं चाहिए पैसा।
साथ साथ बैठकर खाएंगे सब,
दावत में भी आएगा मज़ा तब।।

दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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17 Comments

Shnaya

28-May-2022 01:13 PM

बेहतरीन

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Seema Priyadarshini sahay

24-May-2022 02:05 PM

बेहतरीन👌👌

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Punam verma

24-May-2022 11:03 AM

Nice

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